Sunday, November 15, 2015

जेहाद


पेरिस की घटना के बाद पुनः सवाल उठ खरे हुये हैं । क्या जो धर्म के नाम पर यह कर रहे हैं किसि भी तरह धर्म का हिस्सा है? 2008 में मुंबई धमाको के बाद यह लिखा था। शायद आज भी उतनी ही प्रांसगिक है।

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